स्काई हेल्प ऑर्गेनाजेशन

जंगल | जल | जीवन

Trees near Narmada Nadi
Trees near Narmada Nadi

माँ नर्मदा ने अब तक हमें बचाया है।अब समय आ गया है कि हम माँ नर्मदा को बचायें मां नर्मदा नदी के दोनों तटों पर वृक्षारोपण करें ।पेड़-पौधों से हमें ऑक्सीजन की प्राप्ति होती है, जो हमें जीवित रखने के लिए बहुत आवश्यक है। और जानिए

जंगल है तो जल हे, जल है तो जीवन है
प्रकृति की सेवा का भाव सनातन धर्म है

जल तत्व -

जल तत्व के देवता शिवजी है, जल तत्व के द्वारा ही हमें ज्ञान की प्राप्ति होती है साथ ही मन की शांति भी इसी तत्व से मिलती है.

हमारा शरीर पंचतत्व से मिलकर बना है. पंचतत्व में से एक तत्व जल पर सेवा का कार्य करना हम सब का धेय होना चाहिये । जंगल है तो जल जल तो जीवन एक तत्व से कार्य करने से सभी तत्व उसमें ही समाहित हो जाते है

अग्नि तत्व -

अग्नि तत्व के देवता सूर्य देव बताये गए है. अग्नि से हमारा स्वास्थ्य संबंधित होता है. निरोगी काया के लिए भगवान सूर्य की स्थापना करें।

आकाश तत्व -

आकाश तत्व के स्वामी विष्णु भगवान है आकाश तत्व प्रेम से संबंध रखता है.

पृथ्वी तत्व -

पृथ्वी तत्व के देवता गणेश जी है, जींदगी में स्थयित्व व् विघ्न नाश के लिए गणेशजी की उपासना करे.

वायु तत्व -

वायु तत्व माता पार्वती के अधीन है, धन सम्पदा के लिए माँ पार्वती की पूजा करे

इन्ही पांच तत्वों को सामूहिक रूप से पंचतत्व कहा जाता है। इनमें से शरीर में एक भी न हो तो बाकी चारों भी नहीं रहते हैं। किसी एक का बाहर निकल जाने ही मृत्यु है। आत्मा को प्रकट जगत में होने के लिए इन्हीं पंच तत्वों की आवश्यकता होती है। जो मनुष्य इन पंच तत्वों के महत्व को समझकर इनका सम्मान और इनको पोषित करता है वह निरोगी रहकर दीर्घजीवी होता है।
लाभ और सेवाएँ
किन्नर समुदाय सशक्तिकरण:
स्काई हेल्प ऑर्गनाइजेशन किन्नर समुदाय के अधिकारों और सशक्तिकरण की वकालत करने में सबसे आगे रहा है। संगठन ने 2016 में किन्नर अखाड़े की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे समुदाय को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर धर्म में महत्वपूर्ण स्थान मिला।
पर्यावरण संरक्षण और ग्लोबल वार्मिंग शमन:
ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते खतरे के जवाब में, स्काई हेल्प ऑर्गनाइजेशन ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए खुद को प्रतिबद्ध किया है। माँ नर्मदा जी के किनारे पेड़ लगाकर, संगठन का लक्ष्य दुनिया भर में गर्मी के बढ़ते स्तर से निपटना है। यह पहल माँ नर्मदा के तटों को बचाने, कटाव को रोकने और जल और जीवन की महत्वपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए वन बनाने पर भी केंद्रित है।
मां नर्मदा जी पद यात्रा परिक्रमा:
संगठन ने मां नर्मदा जी के किनारे पेड़ लगाने के महत्व पर जोर देते हुए मां नर्मदा जी पद यात्रा परिक्रमा की शुरुआत की। यह न केवल माँ नर्मदा के संरक्षण में योगदान देता है, बल्कि वनों के निर्माण में भी मदद करता है, जिससे जीवन का अस्तित्व सुनिश्चित होता है।
सामुदायिक जुड़ाव और जागरूकता:
आओ हम सब मिलकर संकल्प करें की नर्मदा के दोनो तटों को वृक्षारोपण के माध्यम से और अधिक हराभरा एवं समृद्ध बनायें।